सफर अ़ज़ाब का एक टुकड़ा है।

ह़ज़रत अबू हुरैरा रद़ियल्लाहु अ़न्हु बयान करते हैं कि नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया: "सफर अ़ज़ाब का एक टुकड़ा है। आदमी को खाने-पीने और सोने (हर एक चीज़) से रोक देता है। इसलिए जब कोई अपनी जरूरत पूरी कर चुके तो फौरन घर वापस आ जाए।" 

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393
सफर करो ताकि फायदा हासिल कर सको।

सफर करो ताकि फायदा हासिल कर सको।

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448
अगर नमाज़ की तकबीर हो जाए तो उसकी तरफ दोड़ कर मत आओ।

अगर नमाज़ की तकबीर हो जाए तो उसकी तरफ दोड़ कर मत आओ।

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382
मिस्वाक किया करो। क्योंकि मिस्वाक मुंह को साफ़ करती है और अल्लाह को खुश करती है।

मिस्वाक किया करो। क्योंकि मिस्वाक मुंह को साफ़ करती है और अल्लाह को खुश करती है।

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400
मैं अल्लाह और उसकी क़ुदरत की पनाह मांगता हूँ उस चीज़ की बुराई से जिसे मैं महसूस कर रहा हूँ और जिसका मुझे खतरा है।

मैं अल्लाह और उसकी क़ुदरत की पनाह मांगता हूँ उस चीज़ की बुराई से जिसे मैं महसूस कर रहा हूँ और जिसका मुझे खतरा है।

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440
ऐ लोगों! दुश्मन के साथ जंग की ख्वाहिश ना रखो

ऐ लोगों! दुश्मन के साथ जंग की ख्वाहिश ना रखो

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445
कोई महिला किसी महिला से मिलने के बाद अपने पति से उसका हुलिया बयान न करे

ह़ज़रत इब्ने मसऊ़द रद़ियल्लाहु अ़न्हु बयान करते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया: "कोई महिला किसी महिला से मिलने के बाद अपने पति से उसका हुलिया बयान न करे कि जैसे कि वह उसे देख रहा है।"

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394
जब तुम तारीफ करने वालों को देखो तो उनके चेहरे पर मिट्टी डाल दो।

जब तुम तारीफ करने वालों को देखो तो उनके चेहरे पर मिट्टी डाल दो।

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
400
मैं दिल का हाल या किसी के अंत को नहीं जानता हूँ।

मैं दिल का हाल या किसी के अंत को नहीं जानता हूँ।

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436
हर व्यक्ति अपने दोस्त के धर्म पर होता है।

ह़ज़रत अबू हुरैरा रद़ियल्लाहु अ़न्हु बयान करते हैं कि नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया: "हर व्यक्ति अपने दोस्त के धर्म पर होता है। इसीलिए तुम में से हर व्यक्ति यह देख ले कि वह किससे दोस्ती कर रहा है।"

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344
मोमिन के अलावा किसी को अपना दोस्त मत बनाओ

मोमिन के अलावा किसी को अपना दोस्त मत बनाओ

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423
वह शैतान है जिसका का नाम खनज़ब है, जब तुम्हें उस शैतान का असर महसूस हो तो उससे अल्लाह की पनाह मांगो

वह शैतान है जिसका का नाम खनज़ब है, जब तुम्हें उस शैतान का असर महसूस हो तो उससे अल्लाह की पनाह मांगो

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415